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    दिशा

    योजना के बारे में

    1. बाल्‍यकालिक और स्कूल तैयारी  योजना।
    2. 0-10 वर्ष की आयु के बच्चे पात्र हैं।
    3. परिवार के सदस्यों को उपचार, प्रशिक्षण और सहायता का प्रावधान।
    4. दिव्यांगजनों को दिन में कम से कम 4 घंटे डे-केयर की सुविधा।
    5. बैच का आकार: 20 दिव्यांग।
    6. पंजीकृत संगठन को एलआईजी (बीपीएल सहित) और एलआईजी से ऊपर के दिव्यांगों के लिए 1:1 का अनुपात बनाए रखना चाहिए।

    योजना का विवरण

    इस योजना का उद्देश्य चिकित्सा, प्रशिक्षण और परिवार के सदस्यों के समर्थन के माध्यम से राष्ट्रीय न्‍यास  अधिनियम के अंतर्गत शामिल 0-10 वर्ष की आयु के दिव्‍यांगजनों के लिए बाल्‍यकालिक हस्तक्षेप के लिए दिशा केंद्र स्थापित करना है। पंजीकृत संगठनों को अपने दिशा केंद्र में निम्नलिखित न्यूनतम सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए:

     

     

    1. डे-केयर

    पंजीकृत संगठन को आयु-विशिष्ट गतिविधियों के साथ-साथ दिव्‍यांगजनों को दिन में कम से कम 4 घंटे (सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच) डे-केयर सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। डे केयर महीने में कम से कम 21 दिन खुला रहना चाहिए। राष्‍ट्रीय न्‍यास द्वारा दिव्यांगजनों को फंड देने के लिए दिशा केंद्र में दिव्यांगजनों की आवश्यक न्यूनतम उपस्थिति प्रति माह 15 दिन है।

    दिशा केंद्र के बैच में 20 दिव्‍यांगजन होने चाहिये।  इस बैच में अधिकतम 30% अतिरिक्त दिव्‍यांगजन शामिल किये जाने की अनुमति है, यानी दिशा केंद्र में कुल 26 दिव्‍यांगजनों को प्रवेश दिया जा सकता है । अधिकतम सीमा तक पहुंचने पर दिशा केंद्र किसी और दिव्यांगजन को केंद्र में नामांकन की अनुमति नहीं देगा। यदि पंजीकृत संगठन के पास नए दिशा केंद्र के लिए पर्याप्त संख्या में दिव्यांग हैं तो उन्हें दोबारा आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।

    पंजीकृत संगठन को एलआईजी (बीपीएल सहित) और एलआईजी से ऊपर के दिव्यांगों (पंजीकृत संगठन के लिए सशुल्क सीटें) के लिए 1:1 का अनुपात बनाए रखना चाहिए। उपरोक्त एलआईजी सीटों के लिए भुगतान पंजीकृत संगठन और अन्य पक्ष (माता-पिता, अभिभावक, परिवार के सदस्य, पंजीकृत संगठन, या अन्य संस्थान/व्यक्ति) के बीच पारस्परिक रूप से सहमत नियमों और शर्तों के अधीन होंगे और पंजीकृत संगठन, माता-पिता, अभिभावकों, परिवार के सदस्यों या किसी अन्य संस्थान/व्यक्ति से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।

    दिशा केंद्र में नामांकन बढ़ाने में मदद के लिए पंजीकृत संगठन को बाल रोग विशेषज्ञों या संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।

    कर्मचारियों की आवश्यकता

    • एक विशेष शिक्षक या बाल्‍यकालिक हस्तक्षेप चिकित्सक का प्रावधान
    • फिजियोथेरेपिस्ट या व्यावसायिक थेरेपिस्‍ट
    • दिव्‍यांगों के लिए परामर्शदाता
    • केयरगिवर
    • आया

     

    कर्मचारी

    केंद्र में देखभालकर्ता और आया के साथ-साथ दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष शिक्षक या बाल्‍यकालिक हस्तक्षेप चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट या व्यावसायिक थेरेपिस्‍ट और परामर्शदाता का प्रावधान होना चाहिए। इन केन्द्रों में फिजिकल प्रशिक्षक और स्पीच थेरेपिस्ट की उपलब्धता भी वांछनीय है।

    कर्मचारियों की आवृत्ति या निर्धारित समय का पालन निम्नानुसार किया जाना चाहिए:

    क्रम सं. श्रेणी कर्मचारियों की सं. प्रति माह अपेक्षित विज़िट की आवृत्ति या न्यूनतम संख्या
    1 विशेष शिक्षक/बाल्‍यकालिक हस्तक्षेप थेरेपिस्‍ट 1 प्रतिदिन
    2 फिजियोथेरेपिस्‍ट या व्‍यावसायिक थेरेपिस्‍ट 1 सप्‍ताह में तीन बार
    3 परामर्शदाता 1 सप्‍ताह में तीन बार
    4 केयरगिवर 1 प्रतिदिन
    5 आया 1 प्रतिदिन

     

    बुनियादी सुविधाएं

    1 चिकित्सा/मूल्यांकन कक्ष (चिकित्सीय सहायता और उपकरणों के साथ)

    2 एक गतिविधि कक्ष

    3 एक मनोरंजन कक्ष

    4 कार्यालय प्रयोजनों के लिए एक पर्सनल कंप्यूटर, स्कैनर और इंटरनेट कनेक्शन का प्रावधान

     

    फंडिंग पैटर्न

     

    क्रम सं. फंडिंग शीर्ष राशि (भारतीय रू. में) धन वितरण की आवृत्ति
    1 सेटअप लागत 1,55,000/- एक बार
    2 आजीविका लागत प्रति दिव्यांगजन प्रति माह 4,500/- की प्रतिपूर्ति प्रारंभिक 3 महीनों के लिए मासिक
    3 मासिक आवर्ती लागत 4,500/- प्रति दिव्यांगजन बीपीएल दिव्‍यांगजन प्रति माह (+1000 प्रति दिव्यांगजन प्रति माह परिवहन भत्ते के लिए, यदि लिया गया है) मासिक

     

    फंडिंग पैटर्न

    राष्‍ट्रीय न्‍यास दिशा केंद्र को निम्नलिखित तीन मदों के तहत फंडिंग करेगा:

    1. सेटअप लागत

    यह एक गैर-आवर्ती एकमुश्त लागत है जो प्रारम्‍भ  में दिशा केंद्र स्थापित करने के लिए पंजीकृत संगठन को प्रदान की जाएगी।

    1. II. आजीविका लागत

    राष्ट्रीय न्यास सेटअप अवधि के बाद अधिकतम 3 महीने के लिए दिशा केंद्र को आजीविका  प्रदान करेगा ।

    III. मासिक आवर्ती लागत

    राष्ट्रीय न्‍यास दिशा केंद्र के संचालन के पहले महीने से सभी दिव्यांगजनों के लिए मासिक आवर्ती लागत का भुगतान करेगा। दिव्‍यांगजनों के नामांकन स्तर के संबंध में कुछ शर्तों के तहत फंडिंग प्रदान की जाती है।

    राष्‍ट्रीय न्‍यास की फंडिंग के उदाहरण

    कुल संख्‍या एलआईजी की सं. (बीपीएल सहित) एलआईजी से ऊपर की सं. राष्‍ट्रीय न्‍यास से फंड लेने वालों की सं.
    20 10 10 10
    20 15 05 05
    20 06 14 06
    20 14 (12 बीपीएल और 2 एलआईजी) 06 12
    20 14 (4 बीपीएल और 10 एलआईजी) 06 06

     

    पंजीकृत संगठनों और दिव्‍यांगजनों के लिए पात्रता मानदंड

    नई योजनाओं के तहत आवेदन करने के लिए फ़िल्टर मानदंड इस प्रकार हैं:

    1. राष्ट्रीय न्यास से पंजीकृत होना चाहिए।
    2. दिव्‍यांगजन अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए।
    3. राज्य/केन्द्र सरकार/अन्य सरकार द्वारा ब्‍लैकलिस्‍ट न किया गया हो।
    4. पंजीकृत संगठन के पास दिव्‍यांगजनों के साथ काम करने का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव और राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम के तहत चार दिव्‍यांगताओं में से एक में कम से कम एक वर्ष काम करने का अनुभव होना चाहिए।
    5. पंजीकृत संगठन का बैंक खाता विवरण।
    6. पंजीकृत संगठन की ई-मेल आईडी और संपर्क विवरण।

    नोट: जब तक पंजीकृत संगठन उपरोक्त मानदंडों को पूरा नहीं करते, वे योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकते।

     

    1. पंजीकृत संगठन के लिए मानदंड

    1      आवेदक संगठन को राष्ट्रीय न्यास के साथ पंजीकृत होना चाहिए।

    2      दिव्‍यांगजन अधिनियम 1995 के तहत वैध पंजीकरण होना चाहिए।

    3      दिव्‍यांगजनों के साथ काम करने का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव होना चाहिए, साथ ही राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम के तहत चार दिव्‍यांगताओं में से एक में कम से कम एक वर्ष काम करने का अनुभव होना चाहिए।

    4      नामांकन के समय एनजीओ को राष्ट्रीय न्‍यास या किसी अन्य सरकारी संगठन द्वारा ब्‍लैकलिस्‍ट नहीं होना चाहिए।

    पात्रता मापदंड

    यह खंड दिशा केंद्र खोलने के लिए आवेदन करने वाले पंजीकृत संगठन के लिए पात्रता मानदंड निर्दिष्ट करता है और दिशा केंद्र में नामांकित होने के लिए 0-10 वर्ष की आयु वर्ग के दिव्यांगजनों के लिए भी पात्रता मानदंड निर्दिष्ट करता है।

    1. पंजीकृत संगठन के लिए पात्रता मानदंड

    दिशा योजना में नामांकन के लिए पंजीकृत संगठन को निम्नलिखित पात्रता मानदंड पूरे करने चाहिए:

    क्रम सं. पात्रता मानदंड आवश्‍यक दस्‍तावेज
    1 आवेदक को राष्‍ट्रीय न्‍यास के साथ पंजीकृत  होना चाहिये राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र
    2 आवेदक के पास नामांकन के समय दिव्‍यांगजन अधिनियम 1995 के तहत वैध पंजीकरण होना चाहिए पंजीकरण प्रमाण पत्र
    3 पंजीकृत संगठन के पास दिव्‍यांगजनों के साथ काम

    करने का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव होना चाहिए,

    साथ ही राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम में शामिल चार

    दिव्‍यांगताओं में से एक में कम से कम एक वर्ष

    काम करने का अनुभव होना चाहिए।

     

    कार्य का विवरण देते हुए पंजीकृत संगठन की उद्घोषणा
    4 आवेदक को नामांकन के समय राष्ट्रीय न्‍यास या

    किसी अन्य सरकारी संगठन द्वारा ब्‍लैकलिस्‍ट नहीं होना चाहिए।

     

    पंजीकृत संगठन की उद्घोषणा

     

    II दिव्‍यांगजनों के लिये मानदंड

    ए     आयु समूह 0-10 वर्ष।

    बी     राष्ट्रीय न्यास अधिनियम में शामिल कोई भी एक दिव्‍यांगता होनी चाहिये।

    सी     समर्थ योजना के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए।

     

    पंजीकृत संगठनों और दिव्‍यांगजनों के लिए नामांकन प्रक्रिया

    (ए) पंजीकृत संगठनों के लिये नामांकन प्रक्रिया

     

    1-दिशा आवेदन पत्र ऑनलाइन भरें और आवश्यकतानुसार स्कैन किए गए दस्तावेज़ अपलोड

    करें।

    2-विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र राष्‍ट्रीय न्‍यास के पोर्टल पर जमा करें।

    3-आवेदन शुल्‍क के रूप में 1000 रुपये का ऑनलाइन भुगतान करें।

    4-भरे हुए आवेदन पत्र का प्रिंटआउट सहायक दस्तावेजों के साथ 7 दिनों के भीतर राष्‍ट्रीय न्‍यास  को भेजें, ताकि यह 15 दिनों में राष्‍ट्रीय न्‍यास कार्यालय में पहुंच जाए।

    पंजीकृत संगठन की नामांकन (प्रथम अनुमोदन) प्रक्रिया

    पंजीकृत संगठन की  नामांकन प्रक्रिया दिशा केंद्र में पहली बार नामांकन करते समय कई चरणों में परिभाषित की गई है। इसमें प्रत्येक चरण में आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों और विभिन्न गतिविधियों के लिए समय-सीमा, जहां भी लागू हो, का विवरण दिया गया है।

    चरण 1. राष्‍ट्रीय न्‍यास  के साथ पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों को राष्‍ट्रीय न्‍यास की वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा।

    चरण 2. आवेदन पत्र राष्‍ट्रीय न्‍यास की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है और इसे केवल ऑनलाइन ही जमा करना होगा। दिशा योजना में नामांकन के लिए आवेदन शुल्क 1000/- रूपये है।

    चरण 3. राष्‍ट्रीय न्‍यास में आवेदन पत्र और दस्तावेज प्राप्त होने के बाद  इनकी जांच की जाती है और फिर फिजिकल सत्यापन शुरू किया जाता है। हालाँकि, यदि पंजीकृत संगठन से अधिक जानकारी की आवश्यकता होती है, तो पंजीकृत संगठन को इसे जमा करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाता है।

    यह नोट करें कि पंजीकृत संगठन और प्रस्तावित दिशा केंद्र के फिजिकल सत्यापन से संबंधित दस्तावेज या तो राष्‍ट्रीय न्‍यास की वेबसाइट पर योजना के लिए नामांकन के समय या ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी जमा किए जा सकते हैं। यदि पंजीकृत संगठन इसे समय पर जमा करने में विफल रहता है, तो उसे राष्‍ट्रीय न्‍यास से अधिसूचना प्राप्त होने के बाद इसे जमा करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाएगा।

     

    चरण 4. आवेदन या प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय सभी आवश्यक औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लिया जाता है। फिजिकल सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर, यदि पंजीकृत संगठन  योजना के मानदंडों और आवश्यकताओं को पूरा करता है, तो आवेदन स्वीकृत हो जाता है। यदि कोई विसंगति है, तो तदनुसार पंजीकृत संगठन को सूचित किया जाता है।

    चरण 5. राष्‍ट्रीय न्‍यास पंजीकृत संगठन को आवेदन प्राप्ति की सूचना आवेदन करने के  15 दिनों के भीतर देगा । ऑनलाइन आवेदन के मामले में, सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने की सूचना आवेदन की तारीख और समय के आधार पर 15 दिनों के भीतर दी जायेगी। हालाँकि, यदि कोई जानकारी छूट गई है, तो राष्‍ट्रीय न्‍यास को ऑनलाइन सबमिशन प्राप्त होने के 10 दिनों के भीतर पंजीकृत संगठन को सूचित करना होगा।

    चरण 6. यदि आवेदन और अन्य दस्तावेजों की हार्डकॉपी ऑनलाइन प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर प्राप्त नहीं होती है, तो राष्ट्रीय न्‍यास निर्धारित समय सीमा के 10 दिनों के भीतर (जो कि प्राप्ति तिथि से 25 दिनों के भीतर है) पंजीकृत संगठन को सूचित करेगा।

    चरण 7. नामांकन पूरा होने के बाद, पंजीकृत संगठन के लिए एक स्कीम आईडी बनाई जाती है, और इसकी पुष्टि की सूचना संगठन को भेजी जाती है।

    चरण 8. दिशा योजना की पूरी जानकारी वाली एक स्टार्टर किट/दिशा पुस्तिका भी राष्ट्रीय न्‍यास द्वारा पंजीकृत संगठन को दी जाती है।

    चरण 9. राष्ट्रीय न्यास पंजीकृत संगठन को सेटअप लागत प्रदान करने के लिए निधि वितरण की प्रक्रिया शुरू करेगा।

    राष्‍ट्रीय न्‍यास को सक्रिय रूप से उन गैर सरकारी संगठनों या पंजीकृत संगठनों  तक पहुंच बनानी चाहिए जिन्होंने पहले आकांक्षा योजना के लिए संपर्क किया था। दिशा योजना के पंजीकरण की प्रक्रिया वही रहेगी जो ऊपर बताई गई है।

    1. II. पंजीकृत संगठनों और दिव्‍यांगजनों के लिए नामांकन प्रक्रिया

     

    दिशा केंद्र में दिव्यांगजनों का नामांकन

     

    चरण 1. दिव्यांगजन आवश्यक प्रमाण के साथ केंद्र पर आएं

    चरण 2. दिशा केंद्र एक थेरेपिस्ट या परामर्शदाता की मदद से दिव्‍यांगजन की मूल्‍यांकन परीक्षण आयोजित करता है।

     

    क) यदि दिव्यांग स्कूल जाने के लिए सक्षम है, तो माता-पिता को सामान्य देखभाल, विशेष स्कूलों या नियमित स्कूलों के विवरण और राष्ट्रीय न्‍यास की अन्य योजनाओं के संदर्भ में मार्गदर्शन और परामर्श प्रदान किया जाता है, जिसका लाभ दिव्यांगजन उठा सकते हैं। यदि माता-पिता बच्चों को दिशा केंद्र के बजाय नियमित स्कूल या विशेष स्कूल में भेजने में रुचि रखते हैं, तो वे इस प्रक्रिया से बाहर हो सकते हैं।

     

    ख) यदि माता-पिता दिव्यांग को दिशा केंद्र भेजना चाहते हैं  तो भले ही वह स्कूल जाने के लिए फिट है, या ऐसे मामलों में जहां बच्चा मूल्यांकन परीक्षण के अनुसार नियमित कक्षाओं में भाग लेने के लिए फिट नहीं है, तो उन्‍हें अगली प्रक्रिया के लिये आगे बढ़ना चाहिये।

     

    चरण 3. दिशा केंद्र में दिव्यांगजन को नामांकित करने के मामले में, संबंधित पंजीकृत संगठन द्वारा इस बात की जांच की जाती है कि दिव्यांगजन राष्ट्रीय न्‍यास द्वारा एलआईजी या बीपीएल फंडिंग के लिए उपयुक्‍त है या नहीं। राष्ट्रीय न्‍यास आम तौर पर पंजीकृत संगठन द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर फंडिंग करता है। हालाँकि, यदि आवश्यक हो तो राष्ट्रीय न्‍यास के पास अन्य स्रोतों के माध्यम से इसे सत्यापित करने का अधिकार है।

    चरण 4. माता-पिता या अभिभावकों को निम्नलिखित दस्तावेजों की मूल प्रतियों और फोटोकॉपी के साथ नामांकन फॉर्म लाना आवश्यक है। पंजीकृत संगठन को प्रत्येक दिव्यांगजन के दस्तावेज़ और रिकॉर्ड अलग-अलग फाइलों में रखे जाने चाहिए।

    दिशा केंद्र में नामांकन के लिए माता-पिता या अभिभावकों द्वारा लाए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज़  

    क) नामांकन प्रपत्र

    ख) दिव्यांगजन का जन्म प्रमाण पत्र या जन्मतिथि का प्रमाण

    ग) दिव्‍यांगता प्रमाणपत्र

    घ) संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अधिकृत सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी बीपीएल प्रमाणपत्र या माता-पिता या अभिभावक का आय प्रमाणपत्र (एलआईजी या बीपीएल परिवार के लिए)

    ई) माता-पिता या अभिभावक का आईडी प्रमाण

    एफ) निवास (स्थानीय) प्रमाण (एलआईजी माता-पिता या अभिभावक के मामले में या परिवहन सुविधा का लाभ उठाने वाले दिव्यांगजन के माता-पिता के लिए अनिवार्य)

     

    चरण 5. उपरोक्त सभी दस्तावेजों के सफल सत्यापन के बाद, दिव्यांगजन को दिशा केंद्र में नामांकित किया जाता है। माता-पिता या अभिभावकों को एक पुष्टि नामांकन आईडी कार्ड/रसीद और एक स्टार्टर किट प्रदान की जाती है। दिशा प्रतिनिधियों को माता-पिता या अभिभावकों को केंद्र की समय-सारणी, आरंभ तिथि, नियम और विनियम आदि के बारे में जानकारी देनी चाहिए।

    चरण 6. यदि दिव्यांगजन ने निरामय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना का लाभ अभी तक नहीं उठाया है तो दिशा प्रतिनिधियों को दिव्यांगजनों के माता-पिता और अभिभावकों को  निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी देनी चाहिए । यदि माता-पिता या अभिभावक इसमें रुचि रखते हैं तो दिशा प्रतिनिधि निरामय योजना के तहत दिव्यांगजन के पंजीकरण में सहायता कर सकते हैं।