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    घरौंदा योजना

    योजना के बारे में

    दिव्यांगजन को जीवन भर सुनिश्चित घर और न्यूनतम गुणवत्ता की देखभाल सेवाओं की उपलब्‍धता।

    दिव्‍यांगजनों को पेशेवर डॉक्टरों से बुनियादी चिकित्सा देखभाल सुविधा सहित स्वीकार्य जीवन स्तर के लिये पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण देखभाल सेवा का प्रावधान।

    दिव्‍यांगजनों को व्यावसायिक गतिविधियों, पूर्व-व्यावसायिक गतिविधियों और आगे के प्रशिक्षण के लिए सहायता।

    समर्थ केन्‍द्र में 20 दिव्‍यांगजनों का बैच ।

    पंजीकृत संगठन को एलआईजी (बीपीएल सहित) और एलआईजी से ऊपर के दिव्यांगों के लिए 1:1 का अनुपात बनाए रखना चाहिए।

    योजना जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में उपलब्ध होगी।

    योजना विवरण

    इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम के तहत आने वाले दिव्‍यांगजनों के लिए आजीवन आश्रय और देखभाल के लिए घरौंदा केंद्र स्थापित करना है। घरौंदा केंद्र में कम से कम निम्नलिखित सुविधाएं होनी चाहिए:

    1. सामूहिक आवास

    पंजीकृत संगठन को राष्ट्रीय न्यास अधिनियम में शामिल किए गए सभी वयस्क दिव्यांगों के लिए पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण देखभाल सेवा के साथ आजीवन सामूहिक आवास सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, जिसमें पेशेवर डॉक्टरों से बुनियादी चिकित्सा देखभाल का प्रावधान भी शामिल है।

    घरौंदा केंद्र के बैच में 20 दिव्‍यांगजन होने चाहिये, जिसमें दिव्‍यांगजन  की अधिकतम संख्या बैच की संख्‍या से 30% अतिरिक्त है, यानी, घरौंदा केंद्रों के लिए अधिकतम 26 दिव्‍यांगजनों को प्रवेश दिया जा सकता है।  घरौंदा केंद्र इस सीमा से अधिक किसी और दिव्यांगजन को केंद्र में नामांकन की अनुमति नहीं देगा। यदि पंजीकृत संगठन के पास नए घरौंदा केंद्र के लिए पर्याप्त संख्या में दिव्यांग हैं तो उन्हें दोबारा आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।

     

    पंजीकृत संगठन को एलआईजी (बीपीएल सहित) और एलआईजी से ऊपर के दिव्यांगों (आरओ के लिए सशुल्क सीटें) के लिए 1:1 का अनुपात बनाए रखना चाहिए। उपरोक्त एलआईजी सीटों के लिए भुगतान पंजीकृत संगठन और अन्य पक्ष (माता-पिता, अभिभावक, परिवार के सदस्य, पंजीकृत संगठन, या अन्य संस्थान/व्यक्ति) के बीच पारस्परिक रूप से सहमत नियमों और शर्तों के अधीन होंगे और पंजीकृत संगठन, माता-पिता, अभिभावकों, परिवार के सदस्यों या किसी अन्य संस्थान/व्यक्ति से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।

    कर्मचारियों की आवश्यकता

    दो विशेष शिक्षक (+व्यावसायिक प्रशिक्षक)

    एक फिजियोथेरेपिस्ट या व्यावसायिक थेरेपिस्‍ट

    तीन केयरगिवर

    दो आया

    एक रसोइया

    कर्मचारी

    केंद्र में कम से कम दो विशेष शिक्षकों का प्रावधान होना चाहिए जो व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान करेंगे। केन्‍द्र में एक फिजियोथेरेपिस्ट या व्यावसायिक थेरेपिस्‍ट, तीन केयरगिवर, आया और रसोइया भी होने चाहिये।

    इन केंद्रों में फिजिकल प्रशिक्षक और स्पीच थेरेपिस्ट की उपलब्धता भी वांछनीय है।

    कर्मचारियों की आवृत्ति या निर्धारित समय का पालन निम्नानुसार किया जाना चाहिए:

    क्रम सं. श्रेणी कर्मचारियों की सं. प्रति माह अपेक्षित विज़िट की आवृत्ति या न्यूनतम संख्या
    1 विशेष शिक्षक (+व्यावसायिक प्रशिक्षक) 2 प्रतिदिन
    2 फिजियोथेरेपिस्‍ट या व्‍यावसायिक थेरेपिस्‍ट 1 सप्‍ताह में पांच बार
    3 केयरगिवर 3 प्रतिदिन दो पारियों में
    4 आया 2 प्रतिदिन
    5 रसोइया यानी कुक 1 प्रतिदिन

     

    बुनियादी सुविधाएं

    • एक चिकित्सा या मूल्यांकन कक्ष (चिकित्सीय सहायता और उपकरणों के साथ)
    • एक गतिविधि कक्ष या व्यावसायिक कक्ष
    • एक मनोरंजन कक्ष
    • दिव्यांगजनों के लिए स्वच्छ आवास और अन्य सुविधाएं
    • रसोईघर
    • कार्यालय प्रयोजन के लिए एक पर्सनल कंप्यूटर सहित कार्यालय हेतु अन्‍य सामग्री

    बुनियादी सुविधाएं

    घरौंदा केंद्र में दिव्यांगजनों के लिए कम से कम एक चिकित्सा कक्ष या मूल्यांकन कक्ष (चिकित्सीय सहायता और उपकरणों के साथ), एक गतिविधि कक्ष या व्यावसायिक कक्ष, एक मनोरंजन कक्ष (सभी कमरे उचित आकार के हों), स्वच्छ आवास और अन्य सुविधाएं होनी चाहिए।

    घरौंदा केंद्र में कार्यालय उद्देश्य हेतु राष्ट्रीय न्‍यास को फंड अनुरोध भेजने, रिपोर्ट जमा करने आदि के लिए एक व्यक्तिगत कंप्यूटर सहित रसोई और कार्यालय की अन्‍य आवश्‍यक सामग्री भी प्रावधान होना चाहिए।

    राष्ट्रीय न्‍यास कार्य केंद्र सेटअप करने के लिए (केवल सेटअप लागत), प्रस्ताव की व्यवहार्यता के आधार पर सहायता प्रदान करेगा।

    फंडिंग पैटर्न

    क्रम सं. फंडिंग शीर्ष राशि (भारतीय रू. में) धन वितरण की आवृत्ति
    1 सेटअप लागत 2,90,000/- एक बार
    2 मासिक आवर्ती लागत प्रति दिव्यांगजन को  प्रतिपूर्ति के रूप में प्रति माह 5,000/- रुपये मासिक
    3 संकटकालीन फंड 5,00,000/- आवश्‍यकता के आधार पर
    4 कार्य केन्‍द्रों की सेटअप लागत

    (यदि पंजीकृत संगठनों ने लिया हो)

    रु. 25000/- से रु. 1,00,000/- तक मामले दर मामले आधार पर

     

    राष्‍ट्रीय न्‍यास निम्‍नलिखित 3 मदों के अंतर्गत घरौंदा केन्‍द्रों की फंडिंग करेगा:

    1. सेटअप लागत

    यह एक गैर-आवर्ती एकमुश्त लागत है जो शुरू में घरौंदा केंद्र स्थापित करने के लिए पंजीकृत संगठन को प्रदान की जाएगी। राष्ट्रीय न्यास से अनुदान के अलावा, संगठन बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए अन्य स्रोतों से अनुदान की व्यवस्था करने के लिए स्वतंत्र है। अपनी पसंद के स्थानों से सेटअप के लिए आवश्यक वस्‍तुयें खरीदना पंजीकृत संगठन का विशेषाधिकार होगा।

    1. II. मासिक आवर्ती लागत

    राष्ट्रीय न्‍यास, घरौंदा केंद्र के उन सभी दिव्यांगजनों के लिए मासिक आवर्ती लागत का भुगतान करेगा जो केन्‍द्र के शुरू होने के पहले महीने की फंडिंग के पात्र हैं। राष्ट्रीय न्‍यास घरौंदा केंद्र को केवल ऐसी स्थिति में ही फंडिंग करेगा जब घरौंदा केंद्र में दिव्‍यांगजनों की न्यूनतम संख्या कई महीनों में अपेक्षित बैच का 30% (यानी इस मामले में 6) हो।

    राष्ट्रीय न्यास निम्नलिखित शर्तों के अनुसार दिव्यांगजनों को धनराशि देगा:

    1. राष्‍ट्रीय न्‍यास घरौंदा केंद्र में दिव्यांगजनों को 1:1 के अनुपात में फंड देगा, बशर्ते कि वहां एलआईजी (बीपीएल सहित) और एलआईजी से ऊपर के दिव्यांगों की संख्या समान हो। एलआईजी को इस प्रकार परिभाषित किया जाएगा:

    एलआईजी = राज्य द्वारा निर्धारित बीपीएल सीमा + उस राज्य की बीपीएल सीमा का अतिरिक्त 50%।

    1. यदि एलआईजी (बीपीएल सहित) दिव्‍यांजनों की संख्या उपरोक्त एलआईजी दिव्‍यांगजनों की संख्या से अधिक है, तो केवल उन एलआईजी के लिए धन प्रदान किया जाएगा जिनके लिए 1:1 अनुपात बनाए रखा गया है (बीपीएल सहित एलआईजी: एलआईजी से ऊपर श्रेणी)। इस परिदृश्य में, बीपीएल को फंडिंग की प्राथमिकता दी जाएगी।
    2. यदि एलआईजी (बीपीएल सहित) विकलांगों की संख्या उपरोक्त एलआईजी विकलांगों की

    संख्या से कम है, तो राष्ट्रीय ट्रस्ट एलआईजी (बीपीएल सहित) की कुल संख्या को निधि देगा।

    1. इसके अलावा, राष्‍ट्रीय न्‍यास योजना के अनुसार अनुपात पर ध्‍यान दिये बिना, घरौंदा केंद्रों में 100% बीपीएल को फंडिंग करेगा। लेकिन यह व्‍यवस्‍था एलआईजी पर लागू नहीं होगी।

    राष्‍ट्रीय न्‍यास की फंडिंग के उदाहरण

    कुल संख्‍या एलआईजी की सं. (बीपीएल सहित) एलआईजी से ऊपर की सं. राष्‍ट्रीय न्‍यास से फंड लेने वाले दिव्‍यांगों की सं.
    20 10 10 10
    20 15 05 05
    20 06 14 06
    20 14 (12 बीपीएल और 2 एलआईजी) 06 12
    20 14 (4 बीपीएल और 10 एलआईजी) 06 06

     

     

    III. संकटकालीन निधि

    राष्ट्रीय न्‍यास  प्रत्येक घरौंदा केंद्र के लिए एक संकटकालीन फंड की व्‍यवस्‍था करेगा, जिसका उपयोग किसी भी आपातकालीन स्थिति में किया जा सकता है। संकटकालीन फंड के लिए निर्धारित कुल सीमा के भीतर कई अनुरोधों के माध्यम से पंजीकृत संगठन संकटकालीन फंड का उपयोग कर सकते हैं। एक बार उपयोग करने के बाद, संकटकालीन फंड की भरपाई नहीं की जाएगी। संकट के समय, पंजीकृत संगठन को संकटकालीन फंड का उपयोग करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी लेनी होगी। इस स्‍वीकृति का प्रमाण प्रस्तुत करने और/या राज्य सरकार से निर्देश प्राप्त होने  पर, राष्ट्रीय न्‍यास आवश्यक धनराशि जारी करेगा।

    IV.कार्य केंद्र के लिए सेटअप लागत (यदि पंजीकृत संगठन ने लिया हो)

    राष्ट्रीय न्‍यास प्रस्ताव की व्यवहार्यता को मान्य करने के बाद मौजूदा पंजीकृत संगठन द्वारा खोले गए कार्य केंद्रों के लिए सेटअप लागत की फंडिंग पर भी विचार करेगा। मौजूदा संगठन के पास सेटअप लागत का लाभ लेने के लिए इन कार्य केंद्रों में काम करने के लिए राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम में शामिल किए गए न्यूनतम 10 प्रशिक्षित दिव्‍यांगजन होने चाहिए।

    यदि यह कार्य केन्‍द्र शुरू होने के एक वर्ष के भीतर  बंद हो जाता है, तो राष्ट्रीय न्‍यास पंजीकृत संगठन से कार्य केंद्र की सेट अप लागत  वापस ले लेगा।

    उपर्युक्त प्रत्येक मद के तहत आवंटित धनराशि इस प्रकार है:

    कार्य केन्‍द्र के लिये लागत

    क्रम सं0 फंडिंग शीर्ष धनराशि (रुपये में) फंड वितरण की आवृत्ति
    1 सेटअप लागत (गतिविधि कक्ष/मनोरंजन कक्ष/चिकित्सा कक्ष, कंप्यूटर, फर्नीचर, स्कैनर और इंटरनेट कनेक्शन) 2,90,000/- एक बार
    2 मासिक आवर्ती लागत 10,000/- प्रति महीने प्रति दिव्‍यांगजन मासिक
    3 संकटकालीन फंड 10,00,000/- आवश्‍यकता के आधार पर
    4 कार्य केन्‍द्रों के लिये सेट अप लागत (यदि पंजीकृत संगठनों ने लिया हो) 25,000/- से 1,00,000/- मामले दर मामले

     

    पंजीकृत संगठनों और दिव्‍यांगजनों के लिए पात्रता मानदंड

    नई योजनाओं के तहत आवेदन करने के लिए फ़िल्टर मानदंड इस प्रकार हैं:

    • राष्ट्रीय न्यास के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
    • दिव्‍यांगजन अधिनियम के तहत पंजीकृत होना चाहिए।
    • राज्य/केन्द्र सरकार/अन्य सरकारों ने ब्‍लैकलिस्‍ट न किया हो।
    • पंजीकृत संगठन के पास राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम में शामिल चार दिव्‍यांगताओं में से एक में कम से कम एक वर्ष के काम करने के साथ दिव्‍यांगजनों के साथ काम करने का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।
    • पंजीकृत संगठन का बैंक खाता विवरण होना चाहिये।
    • पंजीकृत संगठन की ई-मेल आईडी और संपर्क विवरण होनी चाहिये।

    नोट: जब तक पंजीकृत संगठन उपरोक्त मानदंडों को पूरा नहीं करता है, वह योजना के तहत आवेदन नहीं कर सकता है।

    I.पंजीकृत संगठन के लिए मानदंड

    • आवेदक संगठन राष्ट्रीय न्यास के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
    • आवेदक संगठन के पास दिव्‍यांगजन अधिनियम 199 के तहत वैध पंजीकरण होना चाहिए।
    • सामूहिक आवास के लिये भूमि या तो पंजीकृत संगठन के स्वामित्व में होनी चाहिए या नवीनीकरण के प्रावधान के साथ कम से कम 10 साल का पट्टा होना चाहिए।
    • पंजीकृत संगठन के पास राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम में शामिल चार दिव्‍यांगताओं में से एक में कम से कम एक वर्ष काम करने के अनुभव के साथ दिव्‍यांगजनों के साथ काम करने का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव होना चाहिए।

    पात्रता मापदंड

    यह खंड घरौंदा केंद्र सेटअप करने हेतु आवेदन करने के लिए पंजीकृत संगठन की पात्रता मानदंड और घरौंदा केंद्र में नामांकित होने के लिए दिव्यांगजन के लिए पात्रता मानदंड निर्दिष्ट करता है।

    पंजीकृत संगठन के लिये पात्रता मानदंड

    पंजीकृत संगठनों को घरौंदा योजना में नामांकन के लिये निम्‍नलिखित मानदंडों को पूरा करना चाहिए:

    क्रम सं. पात्रता मानदंड आवश्‍यक दस्‍तावेज
    1 आवेदक को राष्‍ट्रीय न्‍यास के साथ पंजीकृत  होना चाहिये राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के तहत वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र
    2 नामांकन के समय आवेदक के पास दिव्‍यांगजन अधिनियम 1995 के तहत वैध पंजीकरण होना चाहिए पंजीकरण प्रमाण या प्रमाण पत्र
    3 सामूहिक आवास के लिये भूमि या तो संगठन के स्वामित्व में होनी चाहिए या नवीनीकरण के प्रावधान के साथ कम से कम 10 साल का पट्टा होना चाहिए पते का प्रमाण: स्वामित्व दस्तावेज या लीज डीड
    4 पंजीकृत संगठन के पास दिव्‍यांगजनों के साथ काम

    करने का न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव होना चाहिए,

    साथ ही राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम में शामिल चार

    दिव्‍यांगताओं में से एक में कम से कम एक वर्ष

    काम करने का अनुभव होना चाहिए।

     

    कार्य का अनुभव देते हुए पंजीकृत संगठन की उद्घोषणा
    5 आवेदक को नामांकन के समय राष्ट्रीय न्‍यास या

    किसी अन्य सरकारी संगठन से ब्‍लैकलिस्‍ट नहीं होना चाहिए।

     

    पंजीकृत संगठन की उद्घोषणा

    II.दिव्‍यांगजनों के लिए मानदंड

    दिव्‍यांगजनों के लिए पात्रता मानदंड

    घरौंदा केंद्र के तहत लाभार्थी के नामांकन के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं, चाहे राष्ट्रीय न्‍यास  दिव्यांगजन की फंडिंग कर रहा हो या नहीं:

    1 दिव्‍यांगजन को राष्ट्रीय न्‍यास अधिनियम, 1999 में शामिल दिव्‍यांगताओं-ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, बौद्धिक दिव्‍यांगता और बहुदिव्‍यांगता- में से कम से कम  किसी एक से प्रभावित होना चाहिए।

    2 दिव्‍यांगजन की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

    पंजीकृत संगठनों और दिव्‍यांगजनों के लिये नामांकन प्रक्रिया

    1. पंजीकृत संगठनों (आरओ) के लिए नामांकन प्रक्रिया
    • घरौंदा आवेदन पत्र ऑनलाइन भरें और आवश्यकतानुसार स्कैन किए गए दस्तावेज़ अपलोड करें।
    • विधिवत भरा हुआ फॉर्म राष्‍ट्रीय न्‍यास के पोर्टल पर जमा करें।
    • आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन करें।
    • भरे हुए फॉर्म का प्रिंटआउट सहायक दस्तावेजों के साथ 7 दिनों के भीतर राष्‍ट्रीय न्‍यास को भेजें, ताकि यह 15 दिनों के भीतर राष्‍ट्रीय न्‍यास कार्यालय तक पहुंच जाए।

    पंजीकृत संगठन की नामांकन (प्रथम अनुमोदन) प्रक्रिया

    पंजीकृत संगठन की  नामांकन प्रक्रिया घरौंदा केंद्र में पहली बार नामांकन करते समय कई चरणों में परिभाषित की गई है। इसमें प्रत्येक चरण में आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों और विभिन्न गतिविधियों के लिए समय-सीमा, जहां भी लागू हो, का विवरण दिया गया है।

    चरण 1. राष्‍ट्रीय न्‍यास  के साथ एनजीओ को राष्‍ट्रीय न्‍यास की वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा।

    चरण 2. आवेदन पत्र राष्‍ट्रीय न्‍यास की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध है और इसे केवल ऑनलाइन ही जमा करना होगा। घरौंदा योजना में नामांकन के लिए आवेदन शुल्क 1000/- रूपये है।

    चरण 3. राष्‍ट्रीय न्‍यास को आवेदन पत्र और दस्तावेज प्राप्त होने के बाद  इनका सत्यापन किया जाता है । हालाँकि, यदि कोई जानकारी छूट गई है या गलत तरीके से प्रस्तुत की गई है और जिसे दोबारा जमा करने की आवश्यकता है, तो पंजीकृत संगठन को इसे फिर से जमा करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है।

    नोट- पंजीकृत संगठन और प्रस्तावित घरौंदा केंद्र के फिजिकल सत्यापन से संबंधित दस्तावेज या तो राष्‍ट्रीय न्‍यास की वेबसाइट पर योजना के लिए नामांकन के समय या ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी जमा किए जा सकते हैं। यदि पंजीकृत संगठन इसे समय पर जमा करने में विफल रहता है, तो उसे राष्‍ट्रीय न्‍यास से अधिसूचना प्राप्त होने के बाद इसे जमा करने के लिए 15 दिनों का समय दिया जाएगा।

    चरण 4. आवेदन या प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय सभी आवश्यक औपचारिकताओं और प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद लिया जाता है। फिजिकल सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर, यदि पंजीकृत संगठन  योजना के मानदंडों और आवश्यकताओं को पूरा करता है, तो आवेदन स्वीकृत हो जाता है। यदि कोई विसंगति है, तो तदनुसार पंजीकृत संगठन को सूचित किया जाता है।

    चरण 5. राष्ट्रीय न्यास से पंजीकृत संगठन को आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर सूचित किया जाएगा। यदि कोई दस्तावेज़ छूट गया है, तो राष्ट्रीय न्‍यास 10 दिनों के भीतर पंजीकृत संगठन को सूचित करेगा।

    चरण 6. यदि आवेदन और अन्य दस्तावेजों की हार्डकॉपी ऑनलाइन प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर प्राप्त नहीं होती है, तो राष्ट्रीय न्‍यास निर्धारित समय सीमा के भीतर पंजीकृत संगठन को सूचित करेगा।

    चरण 7. नामांकन पूरा होने के बाद, पंजीकृत संगठन के लिए एक स्कीम आईडी बनाई जाती है, और इसकी पुष्टि की सूचना संगठन को भेजी जाती है।

    चरण 8. समर्थ योजना की पूरी जानकारी वाली एक स्टार्टर किट/घरौंदा पुस्तिका भी राष्ट्रीय न्‍यास द्वारा पंजीकृत संगठन को दी जाती है।

    चरण 9. राष्ट्रीय न्यास पंजीकृत संगठन को सेटअप लागत प्रदान करने के लिए निधि वितरण की प्रक्रिया शुरू करेगा।

    मौजूदा घरौंदा केंद्रों को भी दस्तावेज़ और प्रस्ताव जमा करने सहित नई योजना के तहत नामांकन के लिए उपरोक्‍त प्रक्रिया का पालन करना होगा। पंजीकृत संगठन को मौजूदा योजना के तहत लाभ मिलना बंद हो जाएगा और नई योजना के तहत धन मिलना शुरू हो जाएगा।

    1. दिव्‍यांगजनों के लिए नामांकन प्रक्रिया

    घरौंदा केंद्र में दिव्यांगजनों का नामांकन

    चरण 1. दिव्यांगजन केंद्र में आते हैं या लाए जाते हैं।

    चरण 2. घरौंदा केंद्र दिव्यांगजन की विशिष्ट आवश्यकताओं को समझने के लिए एक चिकित्सक या परामर्शदाता की सहायता से एक व्यक्तिगत दिव्यांगजन मूल्यांकन परीक्षण आयोजित करता है।

    चरण 3. यदि दिव्यांग अनाथ है या बेसहारा है या संकट में फंसे परिवार से है, तो पंजीकृत संगठन को इसे प्रमाणित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिकृत सक्षम जिला अधिकारियों से संपर्क करना चाहिए। उपरोक्त प्रमाणित करने के दस्तावेज़ के अलावा, घरौंदा केंद्र में नामांकन के लिए कोई और दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं करना होगा। साथ ही, दिव्‍यांगजन स्‍वत: ही बीपीएल श्रेणी में शामिल हो जाता है। दिव्यांगों को घरौंदा योजना में पंजीकरण के साथ-साथ निरामय के लिए भी नामांकित किया जाता है।

    चरण 4. अन्य सभी मामलों में, इस बात की जांच की जाती है कि एलआईजी या बीपीएल दिव्‍यांगजन राष्ट्रीय न्‍यास की फंडिंग के लिए पात्र है या नहीं। राष्ट्रीय न्‍यास आम तौर पर पंजीकृत संगठन द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर फंडिंग करेगा, लेकिन यदि आवश्यक हो तो उसके पास अन्य स्रोतों से इसे सत्यापित करने का अधिकार सुरक्षित है।

    चरण 5. माता-पिता या अभिभावक को नीचे दिए गए दस्तावेजों की मूल प्रतियों और फोटोकॉपी के साथ नामांकन फॉर्म भरना होगा। प्रत्येक दिव्यांगजन के दस्तावेज़ और रिकॉर्ड अलग-अलग फाइलों में रखे जाने चाहिए।

    घरौंदा केंद्र में नामांकन के लिए माता-पिता या अभिभावकों द्वारा लाए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज़:

    1. नामांकन फ़ॉर्म
    2. दिव्यांगजन का जन्म प्रमाण पत्र/जन्मतिथि का प्रमाण
    3. संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेशके अधिकृत सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी बीपीएल प्रमाणपत्र/माता-पिता/अभिभावक का आय प्रमाणपत्र (एलआईजी या बीपीएल परिवार के लिए)
    4. माता-पिता या अभिभावक का आईडी प्रमाण
    5. यदि माता-पिता अभिभावक नहीं हैं तो संरक्षकता प्रमाण पत्र।

    अथवा

    यदि दिव्‍यांगजन 18 वर्ष की आयु का है और माता पिता अभिभावक नहीं हैं तो कानूनी संरक्षकता प्रमाण पत्र

    चरण 6. उपरोक्त सभी दस्तावेजों के सफल सत्यापन के मामले में, दिव्‍यांगजन को घरौंदा केंद्र में नामांकित किया जाता है – दिव्‍यांगजन के माता-पिता या अभिभावकों (यदि कोई हो) को स्टार्टर किट के साथ एक पुष्टिकरण नामांकन आईडी कार्ड/रसीद  दी जाती है। घरौंदा प्रतिनिधियों को योजना  प्रारंभ तिथि, नियम और विनियम आदि के बारे में अधिक जानकारी देनी चाहिये।

    चरण 7. यदि दिव्यांगजन ने निरामय योजना को लाभ अभी तक नहीं लिया है तो घरौंदा प्रतिनिधियों द्वारा दिव्यांगजनों के माता-पिता और अभिभावकों को निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है । यदि माता-पिता या अभिभावक इसके लिए सहमत हों तो पंजीकृत संगठन के प्रतिनिधि निरामय योजना के तहत दिव्यांगजन के पंजीकरण में सहायता कर सकते हैं। घरौंदा केंद्र अनिवार्य रूप से माता-पिता या अभिभावक की सहमति से, माता-पिता या अभिभावक द्वारा प्रमाणीकरण के रूप में, निरामया योजना के तहत लाभार्थी को पंजीकृत करेगा।